परीक्षा के दिन ज्यों-ज्यों निकट आ रहे हैं,
उत्तीर्ण होंगे हम कैसे ना समझ पा रहे है।।
रजाई ओढ़ सोते रहे हम पूरा बरस,
पाठ्यक्रम न पूरा अब कर पा रहे है।।
कोई बता दे कम पढ़कर पास होने के तरीके,
अब ट्यूशन पर ट्यूशन लिए जा रहे हैं।।
किताबें खोल कर न देख हमने कभी,
प्रभु को अगरबत्ती का धुआं दिए जा रहे है।।
परीक्षा में कौन बैठेगा आगे कौन बैठेगा पीछे,
और दाएं बाएं के चक्कर में घिरे जा रहे है।।
किससे परीक्षा में पूछना पड़ जाए उत्तर,
सबको दोस्त बनाने के चक्कर में फिरे जा रहे है।।
पास करवा देना प्रभु तुम हमें,
पर ऐसे भजन भी हम बेसुरे गा रहे है।।
क्या होगा नतीजे निकलेंगे जिस दिन,
सपने अब तो बुरे से बुरे आ रहे हैं।।